ब्राह्मण का बेटा क्यों हँसा ?(Hindi Motivation Story)

 ब्राह्मण का बेटा क्यों हँसा ? (Hindi Motivation Story)

ब्राह्मण का बेटा क्यों हँसा ? (Hindi Motivation Story) -: एक बार की बात है। चित्रकूट नगर में चन्द्रवलोक नाम का राजा राज्य किया करता था। उसे शिकार करने का बहुत शोक था , एक बार वह शिकार करने निकला और ,’ जंगल में घूमते -घूमते रास्ता भटक गया।

“थक कर वह एक वृक्ष के निचे आराम करने लगा। आराम करते हुए उसने एक , खूबसूरत कन्या को देखा। ‘खूबसूरती राजा की आँखों में बस गई

राजा कन्या के पास पंहुचा , कन्या भी उसको देखकर बहुत खुश हुई। ‘

इतने में उस कन्या की सहेली ने राजा से कहा ये ब्राह्मण की बेटी है , उस कन्या की सहेली की बात सुन राजा खुद की ब्राह्मण के पास गए।

राजा ने ब्राह्मण को प्रणाम किया ,’

ब्राह्मण ने राजा से पूछ राजा आप यहाँ कैसे ? राजा ने कहा में शिकार खेलने आया था।

“राजा की बात सुन ब्राह्मण ने कहा , तुम क्यों मासूम जीवो को मर कर पाप कर रहे हो।

ब्राह्मण की बात पर राजा पर बहुत असर हुआ। ” ब्राह्मण का बेटा क्यों हँसा ? (Hindi Motivation Story)

मुझे आपकी बात समझ में आ गई है ,’ अब से में जानवरो का शिकार नहीं करूँगा।

राजा की बात सुन कर ब्राह्मण बहुत खुश हुए ,और कहा राजा जो तुम्हे मांगना है मानगो ,राजा ने ब्राह्मण की बेटी से शादी करने को कहा।

ब्राह्मण मान गए , और अपनी बेटी की शादी राजा से करवा दी।

“शादी होने के बाद राजा अपनी पत्नी को लेकर राज्य की और निकल पड़े । “

रास्ते में जाते वक्त दोनों को एक ,भायनक” राक्षश मिला। वह राक्षश बहुत भयानक था , उसने राजा की पत्नी को खाने की धमकी दी।

‘राक्षश ने कहा अगर तुम अपनी पत्नी को बचाना चाहते हो ,’तो सात दिन के अंदर में एक ऐसे ब्राह्मण के बेटे की बलि दो।

जो खुद अपने आप को समर्पित कर दे मुझे। ब्राह्मण का बेटा क्यों हँसा ? (Hindi Motivation Story)

और उसकी मौत के समय उसके माता – पिता उसका हाथ थामे रहे “

राजा बहुत डरा हुआ था , इसलिए राजा ने उस राक्षश की सारी बात मान ली।

“राजा डरे हुए हालत से महल पंहुचा , वह उसने सारी बात अपने दीवान को बताई। दीवान ने राजा को सांतना दिया ,और कहा आप परेशान मत होइए में कुछ करता हु।

‘फिर दीवान ने एक सात साल के बच्चे की मूर्ति बनवाई , और उसे कीमती गहने और वस्त्र भी पहनाये।

उसके बाद दीवान ने उस मूर्ति को गाँव और आस- पास के नगर में भी घुमाया।,साथ ही उसने यह भी कहलवाया की ‘ अगर किसी के सात साल का बेटा अपनी मर्जी से अपनी बलि देता है ,

” और बलि के वक्त उसके माता – पिता उसका हाथ थामेंगे तो उसे ये मूर्ति मिलेगी और ” साथ ही साथ 100 गाँव भी मिलेंगे ।

ये सुनकर एक ब्राह्मण का बेटा राजी हो गया।

उसने अपने माता पिता से कहा ,’ बेटे गई मिल जायेंगे मेरे बलिदान से राजा को भला हो जायेगा , और आपकी गरीबी दूर हो जाएगी। ब्राह्मण का बेटा क्यों हँसा ? (Hindi Motivation Story)

‘ माता – पिता ने माना किया लेकिन उनके बेटे ने नहीं सुना , और अंत में माता -पिता को माना लिया।

माता -पिता अपने बेटे को लेकर राजा के पास गए ,’ राजा ने उन लोगो को लेकर राक्षश के पास आ गया

राक्षश के कहे अनुसार ‘ राजा बलि के लिए तैयार हो जाता है , और बलि के वक्त ब्राह्मण माता पिता ने अपने बेटे का हाथ थामा।

” राजा ने बालक को मारने के लिए जैसे ही तलवार उठाई। ‘ बालक जोर से हँसा ‘

समाप्त

इतने में बेताल ने कहानी रोक दी। और हर बार की तरह राजा से सवाल करने लगा।

बताओ राजन ब्राह्मण का बेटा क्यों हँसा ? राजा ने जबाब देते हुए कहा , ब्राह्मण का बेटा इसलिए हँसा क्युकी अब भी कोई आदमी भयभीत होता है। ब्राह्मण का बेटा क्यों हँसा ? (Hindi Motivation Story)


वह सबसे पहले अपने माता -पिता को मदद के लिए बुलाता है ,अगर माता पिता न हो तो व्यक्ति राजा को मदद के लिए बुलाता है ,और अगर राजा भी नहीं हो तो ,व्यक्ति भगवान को मदद के लिए याद करता है।

” लेकिन यहाँ तो कोई भी ब्राह्मण के बेटे की मदद के लिए नहीं था। ब्राह्मण का बेटा किसी और की भलाई के लिए खुद का बलिदान दे रहा था इसलिए वह ” हँसा “

63 thoughts on “ब्राह्मण का बेटा क्यों हँसा ?(Hindi Motivation Story)”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top